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चणोद त्रिवेणी संगम

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चणोद त्रिवेणी संगम. मंदिरों का यह शहर नर्मदा, ओरसांग और सरस्वती नदियों के संगम पर है, पवित्र नदी नर्मदा के तट पर कुल 6 घाट मौजूद हैं एक ऐतिहासिक घाट मल्हार राव घाट है, जिसे 1000 साल पहले बनाया गया था. मल्हार राव घाट का नाम महेश्वर के अहिल्याबाई होल्कर के ससुर मल्हार राव होल्कर के नाम पर रखा गया है. नर्मदा नदी के तट पर स्थित, चणोद वडोदरा शहर से लगभग 55 किलोमीटर और दभोई शहर से 20 किलोमीटर दूर है। यह शहर चांदोद नाम से भी प्रसिद्ध है। यह शहर विभिन्न अनुष्ठानों को करने के लिए प्रसिद्ध है, जबकि कुछ शुभ दिन जैसे पूर्णिमा के दिन निश्चित रूप से भारी भीड़ होती है। यहां तीन नदियों का संगम होता है नर्मदा, ओरसंग और गुप्त सरस्वती और इस 'त्रिवेणी संगम' की परिणति के कारण इस शहर को बहुत महत्व मिलता है, चाणोद से निकटतम में कुबेर भण्डारी और पोइचा नीलकंठ धाम जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। सड़क मार्ग से: वडोदरा,भरूच से, चाणोद और डभोई बसों द्वारा पहुँचा जा सकता है रेल द्वारा: वडोदरा और भरूच निकटतम रेलवे स्टेशन है हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा वडोदरा में है। Chanod Video'...